Poem हे भोलेनाथ By admin 26th April 2021 तेरी मर्जी से चलते सब हैं, झुकता तेरे आगे हर सर है, बिन तेरे कुछ होता न हल है, हे भोलेनाथ तु लेता शरण है, कर दे कृपा महादेव मुश्किल बड़ा जीवन का अब यहां हर पल है। रचना: अनुपमा सिन्हा