सुशांत का अंत…

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अपने करियर में तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता की सीढियाँ चढ़ता हुआ विनम्र और बेहतरीन इंसान और बॉलीवुड का एक बेहद उम्दा कलाकार “सुशान्त सिंह राजपूत”। जिन्होंने सिर्फ कुछ ही साल में बेहतरीन फ़िल्मे दी, जिनका अभिनय बेशक तारीफ के लायक है। उन्होंने ४ जून २०२० को अपने घर में आत्म हत्या कर लिया।

जब से सुशांत का निधन हुआ है तब से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों के तरह तरह के पोस्ट्स आ रहे हैं, जिनमे दुःख जताया जा रहा है और कई तरह की दूसरी बाते भी चल रही हैं और उन बातो का होना स्वाभाविक भी है क्यों की “सुशान्त सिंह राजपूत” खुद दूसरों के लिए प्रेरणा थे उन्होंने अपने जिंदगी की शुरुवात अपने जन्मस्थान पटना से की, पढाई में तेज तर्रार होने के बावजूद टीवी सीरियल्स के जरिये मीडिया इंडस्ट्री में आये और बहुत कम समय में अपने टैलेंट और व्यवहार से सबका दिल जीता, बॉलीवुड में कोई गॉडफादर न होने के बावजूद और आउटसाइडर होने के बावजूद बहुत कम समय में फ़िल्मी करियर में भी बहुत ही अच्छा ग्रोथ रहा।

जिस इंसान ने अपने जिंदगी में इतना संघर्ष किया हो और अपनी पहचान खुद से बनायीं हो आज जब वो सफल अभिनेताओं में गिने जाने लगे थे, लोग उन्हें प्यार करते थे तब उन्होंने आत्महत्या कर ली। और इसका कारण डिप्रेशन बताया जा रहा है।

सुशांत की सफलता और उनके परिवार और करीबियों के साथ सम्बन्ध को देखकर तो डिप्रेशन की कोई वजह प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देती लेकिन क्या कोई वजह है जो अप्रत्यक्ष है? अगर ऐसा है, तो ये सुशांत की आत्म हत्या नहीं बल्कि हत्या की साजिश है।

इन दिनों सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर सुशांत को लेकर कई बातें हो रही हैं। कुछ लोगो का कहना है की अगर कोई परेशानी थी भी तो आत्म हत्या करना कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं होता वो भी तब जब कुछ वक्त पहले ही सुशांत ने “छिछोरे” जैसी फिल्म बनायीं जिसमे उन्होंने आत्महत्या जैसी सोच का विरोध किया और हर परिस्थिति से पोसिटीविली लड़ने की सीख दी। अचानक से लोग मेन्टल हेल्थ के लिए जागरूक हो गए, कई लोग मेन्टल हेल्थ से जुड़ी तरह तरह की सलाह देने लगे हैं। लेकिन शायद शायद उनमे से ही कई लोग हैं जिन्होंने सुशांत के साथ बैठ कर या फ़ोन पर बात भी नहीं किया होगा, शायद एक मैसेज भी न किया हो। और न केवल सुशांत बल्कि अपने कई दूसरे करीबियों के साथ भी ये लोग ऐसा ही कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अनजाने लोगो की वीडियोस और फोटोज देखने में, अनजान लोगों से जुड़ने और चैटिंग करने में घंटों का टाइम लगा दे रहे हैं लेकिन अपने पुराने रिश्तों और करीबियों को एक कॉल या मैसेज तक नहीं करते और इसकी वजह व्यस्त होना बताते हैं। आज कई सारे लोग डिप्रेशन के शिकार हैं, जिससे बाहर आने में इमोशनल सपोर्ट और अपनों के साथ होने का बहुत बड़ा रोल है।

कई लोग सुशांत के मृत शरीर की फोटोज तक शेयर कर रहे हैं, और सुशांत से जुड़ी ख़बरों को लेकर कुछ लोग इस मौत को भी अपने व्यापर और डिजिटल दुनिया में मौका बना कर फायदे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

आज हम कैसी दुनिया में हैं जहाँ एक इंसान के मर जाने की खबर सुन कर कई लोग दुखी नहीं होते बल्की सोशल मीडिया पर डालने के लिए फोटोज और कैप्शंस खोजने लगते हैं।

सुशांत का ऐसा दिल दहलाने वाला कदम उठाना उनके जाने के बाद कई सारे सवाल खड़े कर दे रहा है। लोगों में डिप्रेशन लगातार बढ़ता जा रहा है इसकी वजह ज्यादा काम नहीं, समाज में बढ़ती नकारात्मक सोच और असुरक्षा की भावना है। इस परेशानी को थोड़ी सी अच्छी सोच और पाजिटिविटी से ख़त्म किया जा सकता है। thinkingpad.in भी इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास है।

सुशांत के डिप्रेशन में होने का कारण बॉलीवुड के कई बड़ी हस्तियों का उनके प्रति व्यव्हार था। सारी काबिलियत होने के बावजूद उन्हें इग्नोर किया जाता रहा। उनके कई प्रोजेक्ट्स (फिल्मों) को प्रोडूसर नहीं मिले, प्लेटफॉर्म नहीं मिला, काबिल होने के बाद भी प्रशंसा, पुरस्कार और सम्मान नहीं मिला, और इसका कारण नेपोटिज़्म (भाई भतीजावाद) था। कुछ स्टारकिड्स को प्रमोट करने के लिए एक होनहार और काबिल इंसान को लगातार नीचे दबाया गया, और उन्हें अंत तक आउटसाइडर बोला गया।

सोचने वाली बात है, हममे से किसी के साथ भी थोड़ा बहुत भी गलत व्यव्हार होता है तो कितना दुःख होता है, आत्मविश्वास कम हो जाता है, कुछ ही समय में कई लोग हार मानने लग जाते हैं। लेकिन सुशांत इन सब बातों के बाद भी हिम्मत बांधे रहे और मुस्कुराते रहे।

जातिवाद इस देश की एक बहुत पुरानी समस्या है, भाई भतीजावाद भी हर जगह ही है। कोई बिज़नेस मैन अपनी प्रॉपर्टी, सारी अथॉरिटी अपनी कंपनी के सबसे काबिल कर्मचारी को नहीं बल्कि अपने बेटे या किसी करीबी को ही देता है, कहीं पर भी परिचय के लोगों का काम जल्दी हो जाता है। हममे से भी ज्यादातर लोग ये करते हैं। लेकिन सुशांत के मामले में बॉलीवुड किसी की विरासत तो नहीं है, जो लोग पहले से इस इंडस्ट्री में अपनी बुनियाद बना चुके हैं वो बेशक अपने बच्चों को प्रमोट करेंगे ही लेकिन क्या एक नए टैलेंट को मौका भी नहीं दिया जायेगा? वो अगर कुछ बेहतर करने लगा तो उसे दबा दिया जायेगा? काबिल होने के बाद भी अच्छे करियर के लिए संघर्ष करते – करते वो अपनी रोजमर्रा की जरूरतों और थोड़ी सी इज्जत के लिए संघर्ष करेगा? जैसे एक वक्त पर जातिवाद में था, शायद अब भी है। जो लोग समाज में ऊपर हैं वो अक्सर नीचे वालों को दबाते हैं, ऐसी ही परिस्थितियों की वजह से आरक्षण को लाया गया ताकि निचले तबके के लोगों को मौका तो मिले ताकि वो खुद को साबित कर पाएं, और आज वो लोग बहुत बेहतर कर रहें हैं।

तो क्या बॉलीवुड में भी आरक्षण जैसा कुछ लाना होगा? या भविष्य में भी हमारे बीच का कोई भी नया हुनर बॉलीवुड में जा कर के तरह तरह के समझौते करेगा बॉलीवुड माफिया के तलवे चाटता रहेगा और ये सब करने के बाद भी सफलता के उन उचाईयों को नहीं छू पायेगा जिसके काबिल वो है?

सुशांत के आत्महत्या या शायद मर्डर की जड़ें इन सारी बातों से जुडी हुई हैं। शायद ये हत्या ही है लेकिन इतना तो तय है की सुशांत के साथ नाइंसाफी तो जरुरी हुई है।

जो लोग सुशांत और से प्यार करते हैं, कृपया उनके न्याय के लिए आवाज जरूर उठायें क्यों की ये बात तो सुशांत की है लेकिन कहानी ये कइयों की है और आगामी भविष्य में कइयों की होने वाली है। शायद हमारे या आपके घर से जाने वाले किसी बच्ची / बच्चे के साथ इस तरह की नाइंसाफी हो, वो भी डिप्रेशन में आये और उसके पास भी मरने के अलावा कोई चारा न बचे। बॉलीवुड या राजनीती या किसी भी क्षेत्र में किसी तरह का करियर किसी एक की प्रॉपर्टी बिलकुल नहीं।

हम सभी अपने उज्जवल भविष्य के लिए ही सारी मेहनत करते हैं, हर कोई अपने बच्चों को आगे बढ़ता देखना चाहता है, लेकिन इस रेस में थोड़ी ईमानदारी रखने की कोशिश जरूर करें, क्यों की सबकी अपनी काबिलियत है, लोगों को मौका जरूर दें और किसी कारण से ना दे पाएं तो कम से कम उन्हें नीचे न दबाएं। वो लोग जो सामाजिक तौर पर ऊपर हैं वो बेशक अपने बच्चो को पूरी तरह सपोर्ट करें लेकिन किसी को बर्बाद न करें।

किसी भी इंसान के जीवन में संघर्ष इस बात से नहीं बढ़ते की उसे मेहनत करनी है बल्कि इस बात से बढ़ते हैं की उसे मेहनत के साथ कई बुराइयों से लड़ना और बचना पड़ता है।

याद रखें अगर आज आप और हम समाज में हो रहे किसी गलत बात के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे तो वो गलत बात/चीज किसी रोग की तरह फैलेगा और भविष्य में हम भी उसके चपेट में आएंगे।

थोड़ा जीवन को समझिये, समाज को समझिये, पैसे, सोहरत और सफलता बेशक जरुरी है लेकिन खुद के अंदर के इंसान को जिन्दा रखिये।

By: Hemant Kumar Viswakarma (Hemant Hemang)

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