मकर संक्रांति , अंग्रेज़ी की 14 या 15 जनवरी को मनाए जाने वाले इस त्योहार को हमारे संस्कृति और भारतीय परम्परा का बहुत महत्व है ऐसा क्यों आयिए जानते है,
कारण
इस दिन ही सूर्य भगवान धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश करते है एवं राशियों का शुभ संयोग भी इस दिन से प्रारंभ होता है । इसीलिए इस पर्व को मनाया जाता हैं
भारतीय संस्कृति एवं परम्परा
वैसे तो यह त्योहार भारत के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग तरीकों से मनाया जाता है । भारत में गंगा स्नान से इस पर्व शुरुआत होती है। उत्तर भारत एवं मध्य भारत में इसे गुड, तिल, लाई के लड्डू को अपने परिवार में एवं अपने संबंधियों को बाटकर मानते है । साथ ही पूर्व और पश्चिम में पतंग उड़ा कर मानते है ।
वैज्ञानिक कारण :-
भारत की संस्कृति में हर पर्व को मानने को कारण अलग और तरीका भी अलग अलग है। साथ साथ सभी पर्वो को मानने के लिए जो भी तरीका हम वर्षो से अपनाए हुए है उसके पीछे भी एक वैज्ञानिक तर्क और कारण है ।
गंगा स्नान का कारण:-
क्यों की सूर्य भगवान धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर रहे होते है और इसके कारण राशियों का एक बहुत ही शुभ संयोग बनता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का एक अलग ही महत्व है ।
जब सूर्य अपनी स्तिथि को बदलता है तो इनसे निकलने वाली पराबैगनी किरणे अपने निम्न स्तर पे होती है साथ से साथ सबसे ज्यादा विटामिन डी का श्रोत होती है तो जब भी हम स्नान करते है तो इस समय शरीर सबसे ज्यादा विटामिन डी को सोखने के लिए तैयार रहता है और साथ ही साथ इस समय मौसम में ज्यादा ठंड होने के कारण हमें विटामिन डी की आवश्यकता सबसे ज्यादा होती है ।
तो हमारे पूर्वजों ने इसे इसलिए इस दिन को गंगा स्नान के लिए बनाया है ।
गुड़, तिल, लाई के लड्डू एवं गजक बाटने का कारण :-
हम सबसे ज्यादा खुश तब होते है जब हमारे परिवार , संबंधी, बेटे और बेटियां खुश रहती है । ये जो समय रहता है बहुत ही ठंड का रहता है और गुड़, तिल, लाई और गजक ये तीनों आप के शरीर को गर्म रखने का काम करते है ताकि आप में ठंड को सेहने की शक्ति मिले। तीळ और गुड़ में कैल्शियम पाया जाता है जिससे हड्डिया मजबूत बन जाती है, मेटाबोलिज्म, पाचन तंत्र, को मजबूत बनता है एवं आयरन की कमी को भी पूरा करता है । बड़े इसी लिए गुड़ , तिल , लाई के लडडू अपने संबंधियों और बेटियों के घर भेजते थे ताकि परिवार के सभी इस मौसम से स्वस्थ रहे।
पतंग उड़ाना:-
क्यों की इस पूरे दिन सूर्य से सबसे ज्यादा विटामिन डी और सबसे कम पराबैगनी किरणे उत्सर्जित होती है इसीलिए ये इस समय इस विटामिन डी का श्रोत शरीर के लिए सर्वोत्तम माना गया है । तो पतंग उड़ा कर हम इस श्रोत को ग्रहण करे और स्वस्थ रहे ये ही कारण है इसका ।
नोट:- कृपया पतंग उड़ाए पर उसमे धार दार मंझे का या चाईनीज मंझे प्रयोग ना करे , केवल अपनों लिए नहीं, बल्कि पक्षियों के लिए भी।
हमारा ये प्रयास कैसा लगा हम जरूर बताए।
Team
Thinking pad
1 Comment
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