कोरोना से रिकवरी के बाद कब और कैसे लगवाएं वैक्सीन

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कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में कोहराम मचा रखा है, लाखों लोग रोज कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं और सभी में डर का माहौल है। लेकिन एक अच्छी खबर है की वायरस से लोगों को सुरक्षित करने के लिए देश में टीकाकरण अभियान चल रहा है। जिसे मई 2021 के शुरू से 18+ उम्र के लोगों के लिए भी शुरू कर दिया गया है।

ऐसे में वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में सवाल हैं, आज thinkingpad.in प्लेटफॉर्म के जरिये हम ऐसे ही सवालों का जवाब लाये हैं।

वैक्सीन के दो डोज़ हैं जिसके लिए रजिस्ट्रेशन एक ही बार होगा। दो तरह की वैक्सीन लागाई जा रही हैं

  1. COVISHIELD
  2. COVAXIN

दोनों ही वैक्सीन क्लिनिकल टेस्ट में समान रूप से कारगर पायी गयी हैं, इसलिए दोनों वैक्सीन अच्छी हैं, लेकिन वैक्सीनेशन के समय ये ज़रूर ध्यान दें की जिस वैक्सीन का पहला डोज़ लगा है उसी का दूसरा डोज़ भी लगेगा।

सरकारी सेंटर में दोनों ही वैक्सीन मुफ्त में लगाई जा रही हैं लेकिन प्राइवेट अस्पतालों / सेंटर पर वैक्सीन की एक डोज़ का निर्धारित मूल्य रु० २५० है ।

डॉक्टर जुगल किशोर (कम्यूनिटी हेड, सफदरजंग अस्पताल) के अनुसार कोरोना से रिकवर हो चुके लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए रिकवरी के बाद कम-से-कम 6 हफ्तों का इंतजार करना अनिवार्य है, अगर रिकवर हुए मरीज ने वैक्सीन का पहला डोज पहले ही लगवा लिया है तो दूसरा डोज लगवाने के लिए भी मरीज को 6 हफ्तों का इंतजार करना जरूरी है।

डॉक्टर जुगल किशोर कहते हैं, जिस दिन मरीज के लक्षण खत्म हो जाते हैं उसके 6 से 8 हफ्तों के बाद मरीज टीका लगवा सकता है।

6 हफ्तों का इंतजार क्यूँ है ज़रूरी?

डॉक्टर बताते हैं कि रिकवर होने के तुरंत बाद उनका शरीर एंटीबॉडी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर देता है है, वैक्सीन का भी यहीं काम है वैक्सीनेशन के बाद बॉडी एंटीबॉडी बनाती है। लेकिन अगर शरीर में पहले सी ही वह प्रक्रिया चल रही होगी तो दिक्कत हो सकती है। अगर आप 6 हफ्तों का इंतजार न करें तो ऐसा हो सकता है की वैक्सीन आपके शरीर में जाकर अपना काम करने में असमर्थ हो।

आपको बता दें की वैक्सीन कोरोना से सुरक्षा की १००% गारंटी तो नहीं देती, लेकिन एंटीबॉडी बना कर कोरोना से लड़ने में आपकी शक्ति बढ़ा कर आपकी सुरक्षा करती है।

वैक्सीनेशन से पहले

  1. अगर डॉक्टर ने वैक्सीनेशन से पहले कोई दवाई खाने को कहा है तो जरूर खाएं। टीकाकरण को लेकर किसी तरह का तनाव न लें, बिल्कुल सहज रहें।
  2. अगर आपको को किसी दवा से एलर्जी है तो कोरोना टीका लगवाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए। कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC), C-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) या इम्यूनोग्लोब्युलिन-E (IgE) लेवल की जांच की जा सकती है।
  3. डाइबिटीज या ब्लड प्रेशर के मरीज को टीका लेने से पहले सुगर और ब्लड प्रेशर लेवल को सामान्य स्तर पर लाने की जरूरत है। कैंसर के मरीजों और खासकर जिनकी कीमियोथेरपी हुई है, उन्हें डॉक्टरों की सलाह माननी चाहिए।
  4. कोविड के इलाज के दौरान जिन्हें ब्लड प्लाज्मा या मोनोक्लोनल एंटिबॉडीज चढ़ाया गया हो या फिर जो पिछले डेढ़ महीनों में कोरोना से संक्रमित हुए हों, उन्हें अभी वैक्सीन नहीं लेना चाहिए।
  5. गर्भवती या स्तनपान करा रही महिलाएं, जिन महिलाओं को पीरियड्स हैं, कोरोना से संक्रमित मरीज, या किसी बहुत गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए, कोई भी सन्देह होने पे डॉक्टर से संपर्क करें।

वैक्सीनेशन के बाद भी सावधानी बरतें:

डॉक्टर किशोर और टीका लगवाने के लिए जाने वाले आम लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोगों को कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करना बेहद जरूरी है। वैक्सीन लगवाने के 2 से 6 हफ्ते के बाद ही व्यक्ति सुरक्षित होता है तुरन्त नहीं। वैक्सीनेशन के बाद व्यक्ति अगर संक्रमण के संपर्क में आता है तो भी उसके संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसलिए वैक्सीनेशन लगगवाने के बाद भी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करना जरूरी है।

वैक्सीनेशन के बाद:

  1. टीका लगवाने के बाद वैक्सीन सेंटर में तब तक जरूर रुके रहें जब तक कि आपको जाने की अनुमति नहीं दी जाए। आपको सेंटर पर रुकने को इसलिए कहा जाता है ताकि परखा जा सके कि टीका लगने से आपमें कोई साइड इफेक्ट तो नहीं हो रहा है।
  2. जहां सूई चुभोई गई है, वहां थोड़ी सी सूजन, हल्का दर्द, सिरदर्द, बुखार, चक्कर आना या चिडचिडापन जैसे लक्षण दिख सकते हैं, थोड़ी ठंड और थकान भी महसूस हो सकता है। ऐसे में बिल्कुल नहीं घबराएं अपने डॉक्टर की सलाह से दवाएं लीजिये।
  3. टीका लगवाने के बाद भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए तय निर्देशों का पालन करते रहें। इनमें मास्क लगाना, सुरक्षित दूरी बनाए रखना, खांसने-छींकने के दौरान एहतियात बरतना जैसे निर्देश शामिल हैं।

कोरोना वायरस से बुरी तरह जूझ रहे भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था अस्त व्यस्त हो चुकी है। विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग कोरोना गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करें और वायरस से बचने के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाएं।

बेशक वैक्सीन को लेकर लगातार फैलाई गई अफवाहों के कारण लोगों में डर पैदा हो गया है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है टीका लगवाकर आने के बाद कोरोना गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करें और घर में रहें। वैक्सीन लगवाने के 2 से 6 हफ्ते के बाद शरीर में एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती है।

आज सोशल मीडिया के दौर में कृपया हर ख़बर पर यकीन न करें वो सिर्फ अफवाह भी हो सकती है। किसी भी ख़बर पर यकीन करने और उसे आगे किसी से भी शेयर करने से पहले उसे सत्यापित ज़रूर कर लें। या सम्भव हो तो किसी भी संदेह की स्थिति में अपने डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

टीम थिंकिंगपैड

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