Author admin

Poem yaadein-namrtagupta
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यादें…

यादों में अक्स उभरता है ये किसका, आंखों में झलकती ये किसकी परछाई है? रौनकें…

Poem
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अधूरे ख़्वाब…

कुछ वक्त, कुछ लम्हे यूँ गुज़ारे भी थे। दर्द था, तन्हाई थी, तमन्नाओं के सहारे…

Poem mela-k-taiyari
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मेला के तयारी

आवा चला तोहके दरशन कराय देही। असो के नवमी क मेला घुमाय देही।। मौका निकाला…

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