अधूरे ख़्वाब…
कुछ वक्त, कुछ लम्हे यूँ गुज़ारे भी थे। दर्द था, तन्हाई थी, तमन्नाओं के सहारे…
कुछ वक्त, कुछ लम्हे यूँ गुज़ारे भी थे। दर्द था, तन्हाई थी, तमन्नाओं के सहारे…
छूता है वही लब जो हृदय के पास होता है, नजर से दूर वालों की तो…
महादेव हो तुम महाज्ञानी हो तुम, हाथ फैलाये खडे़ है हम, देने वाले दानी हो…
बेजुबान है वो फिर भी, देखते ही कितनी खुशी जता रहा है। सिर्फ दो बिस्किट…
नादान है इंसान ये समझ नहीं पाता है करता वो है मगर सब तु ही…
निगाहों में जो लाए हो, मेरे दिल में यहां रख दोl नफरत हो मोहब्बत हो…
तू मेरी बंद डायरी में दफ़्न फटे पन्नों सा है, जिसमें जख्म मेरा पर निशा…
मुझे जान लोगे और पहचान लोगे तो समझूंगा के तुम हृदय थाम लोगे, यहाँ से…
गाना: मलंग (शीर्षक गीत) गायक: वेद शर्मा गीतकार: कुनाल वर्मा, हर्ष लिम्बाचिया संगीतकार: वेद शर्मा…