Browsing: Sushil Kumar Pandey

Poem achcha-nhi-lgta
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अच्छा नही लगता…

मेरी सरलता तो स्वाभाविक है जनाब, मगर उनकी ये जटिलता, ये अच्छा नही लगता। पढ़…

Poem Dhuwa
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धुंआ हर तरफ है

धुंआ हर तरफ है, लेकिन आग कही -कही, जिधर देखो उधर जलन, मगर बाते बेमतलब…