जो मिले मुझे मेरे महादेव कभी तो बस एक ही वरदान मांगू मैं,
हर जन्म में मिले यही गोद मुझे
और यही एक चरणो में चारों धाम चाहूं मैं,
इस बेरंग सी दुनिया की धूप में ना मिले कोई छाया मुझे,
बस ममता की आंचल की छांव चाहूं मैं,
हर संकट में ना मिले कोई सहारा मुझे,
बस आशीर्वाद देने वाले हाथ चाहूं मैं,
हर खुशी में ना मिले कोई साथी मुझे
बस खुशी के आंसुओं सहित प्यार चाहूं मैं,
इस दुनिया में ना मिले कोई भगवान मुझे
बस यही देवी जैसी मां चाहूं मैं,
जो मिले मुझे मेरे महादेव कभी तो बस यही वरदान चाहूं मैं ।
रचना : आरोही शर्मा