महादेव को अर्पण

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ना मैं करूं गंगाजल अर्पण,
ना पुष्प हार चढा़ऊ,
ना धूप दीप नैवेद्य सजा कर आरती तेरी गाऊं,
तेरे चरणों में हे महादेव,
ये मन का पुष्प चढा़ऊ,
कर के अपनी त्रुटियां अर्पण,
अलख में तेरी जगाऊं।

रचना : अनुपमा सिन्हा

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