तुम सुबह- ए-बनारस हो जाना

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तुम सुबह- ए-बनारस हो जाना ,
मै घाट अस्सी हो जाऊंगा !
तुम फ्राइड राइस तीखा की
मै पहलवान लस्सी हो
जाऊंगा !
तुम चाची की कचौड़ी
मै काशी चाट हो जाऊंगा !
तुम गंगा आरती सी सोभित होना
मै दशास्वमेध घाट हो जाऊंगा !
तुम छोला-समोसा हो जाना
मै विश्वनाथ मंदिर हो जाऊंगा !
तुम घाट बन जाना
मै पानी बन तुम्हारे पास आऊंगा !
तुम ज़ोया हैदर हो जाना
मै कुंदन बन तुमपर मर-मिटूंगा

रचना :- संजना जायसवाल

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