परिवार से बड़ा कोई सुख नहीं..

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परिवार से बड़ा कोई सुख नहीं ,
परिवार से बड़ा कोई धन नहीं ,

पिता से बड़ा कोई सलाहकार नहीं,
माँ के आँचल के छाव से बड़ी कोई छाव नहीं ,

भाई से बड़ा कोई साथी नहीं,
बहन से बड़ी कोई शुभ चिंतक नहीं ,

पति से बड़ा कोई दोस्त नहीं ,
इसीलिए कहते है …… “परिवार से बढ़ कर ज़िन्दगी नहीं “

रचना :- वैशाली केशरी

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