महादेव, महाकाल है

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जिसके आगे शीश नवाता सारा संसार है
गंगा किनारे बसता जिसका का धाम है
कण कण में रहता जिसका वास है
ऊँ नम: शिवाय का प्यारा जिसको जाप है
वही तो मेरे भोले,महादेव, महाकाल है

 

रचना :- अनुपमा सिन्हा

 

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