शिवरात्रि

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सजा कर रूप अडभंगा
कर के नंदी की सवारी,
संग भूतों की टोली लिये
देखो चले है भोला भंडारी,
ब्याहने को पार्वती प्यारी
आयी है रात ये कैसी सुहानी,
चली है महलों में पली
बन के औघड़ की रानी।

रचना: अनुपमा सिन्हा 

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