तो ये हैं हनुमान जी की आठ सिद्धियाँ …

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हम सब के  पूज्य भगवान और प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी के गुरु का जितना भी बखान करें वह कम है, हमेशा से हम सब की भक्ति, निष्ठा और विश्वास श्री हनुमान जी के लिए है, हम कभी भी किसी संकट में होते हैं तो हनुमान जी को इस विश्वास के साथ याद करते हैं की वह हमारी सारी दुखों का निवारण करेंगे श्री, इसी वजह से श्री हनुमान जी का एक नाम संकट मोचन भी है।

महाबली श्री हनुमान जी महाशक्तिशाली, महा विद्वान और बहुत चरित्रवान तो थी ही साथ ही उन्हें आठ सिद्धियां भी प्राप्त थी, श्री गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा में इन आठों सिद्धियों का उल्लेख भी है,

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस-बर दीन्ह जानकी माता।।

अर्थात, माता सीता ने पवन सुत महाबली श्री हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों और नव निधियों की प्राप्ति का वरदान दिया था। जिन्हें प्राप्त कर श्री हनुमान जी अपने जीवन में बहुत बड़े और मुश्किल कार्यों को भी आसानी से और पल भर में कर करें।

आज थिंकिंगपैड प्लेटफार्म पर हम आपको महाबली श्री हनुमान जी को प्राप्त उन आठ सिद्धियों के बारे में संक्षेप में बताएंगे, आइये जानें हनुमान जी कौन-कौन सी अष्ट सिद्धियां है।

  • अणिमा- यह सबसे पहली सिद्धि है, अणिमा का अर्थ अपने शरीर को एक अणु के समान अति सूक्ष्म करने से है। जिससे कोई अपने नग्न आंखों से उन्हें नहीं देख सकता।
  • महिमा- अणिमा सिद्धि का ठीक विपरीत है, इस सिद्धि से हनुमान जी अपने शरीर को असीमित विशाल करने में सक्षम होता हैं।
  • गरिमा- इस सिद्धि की मदद से हनुमानजी अपने शरीर का आकर स्थिर रखते हुए अपना भार असीमित बढ़ा सकते हैं। इसी सिद्धि का उपयोग हनुमानजी ने महाभारत काल में भीम के सामने किया था।
  • लघिमा- इस सिद्धि से हनुमानजी अपना का भार बिल्कुल हल्का करने में सक्षम हैं और पलभर में (पवन की गति से भी तेज) कहीं भी आवागमन कर सकते हैं।
  • प्राप्ति- इस सिद्धि के नाम से ही स्पस्ट है कि इस सिद्धि की शक्ति से हनुमानजी किसी भी वस्तु को प्राप्त कर सकते हैं।
  • प्राकाम्य- इसी सिद्धि की शक्ति से हनुमानजी कही भी आ जा सकते हैं, किसी के भी मन की बात को जान और समझ सकते हैं और मनचाहे समय तक पानी में भी जीवित रह सकते हैं या समाधी अवस्था में रह सकते हैं। इस सिद्धि से हनुमानजी चिरकाल तक युवा हैं और युवा ही रहेंगे।
  • ईशित्व- इस सिद्धि स्वयं भगवान की उपाधि हैं, इसके प्रभाव से हनुमानजी ने पूरी वानर सेना का कुशल नेतृत्व किया था। हनुमानजी ईशित्व सिद्धि से किसी मृत प्राणी को भी पुनर्जीवित कर सकते हैं।
  • वशित्व- इस सिद्धि के प्रभाव से हनुमानजी जितेंद्रिय हैं और मन पर नियंत्रण रखते हैं। इस सिद्दी से हनुमान जी किसी भी जीव को तुरंत ही अपने वश में कर सकते हैं और इनके वश में आने के बाद प्राणी उनकी इच्छानुसार ही कार्य करता है।

भगवान हनुमान जी के बारे में यह जानकारी आप तक पहुंचाने की थिंकिंगपैड टीम की यह छोटी सी कोशिश आपको कैसी लगी, हमें जरूर बताएं, हमारे साथ बने रहें और ऐसे ही स्नेह देते रहें, ताकि हमारा मनोबल बढ़ता रहे और आपके लिए ऐसी ही रोचक जानकारी हम लाते रहें।

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