Song: Banjaara
Movie: Ek Villain (2014)
Singer: Md. Irfan
Lyrics: Mithoon
Music: Mithoon
Music Label: T-Series
जिसे ज़िन्दगी ढूंढ रही है
क्या ये वो मक़ाम मेरा है
यहाँ चैन से बस रुक जाऊं
क्यूं दिल ये मुझे कहता है
जज़्बात नये से मिले हैं
जाने क्या असर ये हुआ है
इक आस मिली फिर मुझको
जो क़ुबूल किसी ने किया है
हाँ…किसी शायर की ग़ज़ल
जो दे रूह को सुकूं के पल
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
नए मौसम की सहर
या सर्द में दोपहर
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
जैसे कोई किनारा, देता हो सहारा
मुझे वो मिला किसी मोड़ पर
कोई रात का तारा, करता हो उजाला
वैसे ही रोशन करे वो शहर
दर्द मेरे वो भुला ही गया
कुछ ऐसा असर हुआ
जीना मुझे फिर से वो सीखा रहा
हम्म… जैसे बारिश कर दे तर,
या मरहम दर्द पर,
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर…
मुस्काता ये चेहरा, देता है जो पहरा
जाने छुपाता क्या दिल का समंदर
औरों को तो हरदम साया देता है
वो धूप में है खड़ा खुद मगर
चोट लगी है उसे फिर क्यूं
महसूस मुझे हो रहा
दिल तू बता दे क्या है इरादा तेरा
हम्म… मैं परिंदा बेसबार,
था उड़ा जो दरबदर
कोई मुझको यूँ मिला है जैसे बंजारे को घर,
नए मौसम की सहर या सर्द में दोपहर
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर, जैसे बंजारे को घर
जैसे बंजारे को घर, जैसे बंजारे को घर…
2 Comments
Sir Starting ki line kuchh galat hai please check it.
Sir also check third stanza .