Song Name : Haal-E-Dil
Movie : Murder 2
Lyricists : Sayeed Quadri
Singer : Harshit Saxena
Music Label : T-Series
ऐ काश, काश यूँ होता
हर शाम, साथ तू होता चुप चाप, दिल ना यूँ रोता हर शाम, साथ तू होता गुज़ारा हो तेरे, बिन गुज़ारा अब मुश्किल है लगता नज़ारा हो तेरा, ही नज़ारा अब हर दिन है लगताहाल-ए-दिल तुझको सुनाता
दिल अगर ये बोल पाता बाखुदा तुझको है चाहता जां तेरे संग जो पल बिताता वक़्त से मैं वो मांग लाता याद करके मुस्कुराता हाँतू मेरी राह का सितारा
तेरे बिना हूँ मैं आवारा जब भी तन्हाई ने सताया तुझको बे साखता पुकारा चाहत है मेरी ला फ़ना पर मेरी जां दिल में हूँ रखता हाल-ए-दिल तुझको सुनाता दिल अगर ये बोल पाता बाखुदा तुझको है चाहता जां तेरे संग जो पल बिताता वक़्त से मैं वो मांग लाता याद करके मुस्कुराता हाँख्वाबों का कब तक लूं सहारा
अब तो तू आ भी जा खुदारा मेरी ये दोनों पागल आँखें हर पल मांगे तेरा नज़ारा समझाऊं इनको किस तरह इनपे मेरा बस नहीं चलताहाल-ए-दिल तुझको सुनाता
दिल अगर ये बोल पाता बाखुदा तुझको है चाहता जां तेरे संग जो पल बिताता वक़्त से मैं वो मांग लाता याद करके मुस्कुराता हाँhttps://www.youtube.com/watch?v=uSibwB2TQC4&t=283s