
कभी – कभी…
आ गयी तब्दीलियाँ मंजिलों और रास्तों में मगर, आज भी चुपके से सीने में दिल…
आ गयी तब्दीलियाँ मंजिलों और रास्तों में मगर, आज भी चुपके से सीने में दिल…
दुखी मन की इस पीड़ा पर फिर से बरसने को , बस अब ये स्नेह…
अगर नाराज़ हो मुझसे, तो बस मुस्का के कह देना, तुम्हारी इस अदा से जिंदगी…
कुछ वक्त, कुछ लम्हे यूँ गुज़ारे भी थे। दर्द था, तन्हाई थी, तमन्नाओं के सहारे…
आवा चला तोहके दरशन कराय देही। असो के नवमी क मेला घुमाय देही।। मौका निकाला…
मेरी सरलता तो स्वाभाविक है जनाब, मगर उनकी ये जटिलता, ये अच्छा नही लगता। पढ़…
न हँसती है न रोती है, वो बस चुपचाप लेटी है, दरिंदों ने जिसे लूटा…
जहां देखो वहीं सन्नाटा है, यह चाइनीज माल बड़ा झन्नाटा है, हर गली, हर मोहल्ले…
वक्त कठिन है, संयम रखना होगा, खुद से ध्यान देकर, चक्रव्यूह तोड़ना होगा। बाधाएं आयी…