
धुंआ हर तरफ है
धुंआ हर तरफ है, लेकिन आग कही -कही, जिधर देखो उधर जलन, मगर बाते बेमतलब…
धुंआ हर तरफ है, लेकिन आग कही -कही, जिधर देखो उधर जलन, मगर बाते बेमतलब…
तुझे ढूढंते नगरी नगरी, भक्त तेरे अज्ञानी है, बसता है तू मन के भीतर, ये…
डर को तू डरा जरा, न डर उसे आंखें दिखा जरा खड़ी है सामने मौत…
नित्य सुबह तु जग जा भईया। कुल्ला मंजन करके योग, प्रणायाम ध्यान तू करिह।। नाक…
छूता है वही लब जो हृदय के पास होता है, नजर से दूर वालों की तो…
महादेव हो तुम महाज्ञानी हो तुम, हाथ फैलाये खडे़ है हम, देने वाले दानी हो…
तेरी मर्जी से चलते सब हैं, झुकता तेरे आगे हर सर है, बिन तेरे कुछ…
उनकी तस्वीर कहीं दिल में छुपा कर बैठे, इश्क में हम तो अपनी जान गँवा…
सजा कर रूप अडभंगा कर के नंदी की सवारी, संग भूतों की टोली लिये देखो…