
बेजुबान…
बेजुबान है वो फिर भी, देखते ही कितनी खुशी जता रहा है। सिर्फ दो बिस्किट…
बेजुबान है वो फिर भी, देखते ही कितनी खुशी जता रहा है। सिर्फ दो बिस्किट…
नादान है इंसान ये समझ नहीं पाता है करता वो है मगर सब तु ही…
जिसके आगे शीश नवाता सारा संसार है गंगा किनारे बसता जिसका का धाम है कण…
क्यों काफी नहीं था ये कहना की आबरू उसकी लुटी है, जो जिस्म पे लगी…
दर्द जो अपने बताये मैंने तो दोस्त वो इलाज बता रहा है, गम की दवा…
चलो फिर से मोहब्बत कर लेते है, तुम भर देना हर जख्म मेरे, हम तुम्हारे…
पुत्र है वो पार्वती का अंश महादेव का , विघ्न हरता सुख करता अभिनन्दन उस…