Browsing: Bholenath

Poem he bholenath
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हे भोलेनाथ

तेरी मर्जी से चलते सब हैं, झुकता तेरे आगे हर सर है, बिन तेरे कुछ…

Collections Shivratri
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शिवरात्रि

सजा कर रूप अडभंगा कर के नंदी की सवारी, संग भूतों की टोली लिये देखो…

Collections bholenath
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भोलेनाथ

नादान है इंसान ये समझ नहीं पाता है करता वो है मगर सब तु ही…