
हर हर महादेव
तुझे ढूढंते नगरी नगरी, भक्त तेरे अज्ञानी है, बसता है तू मन के भीतर, ये…
तुझे ढूढंते नगरी नगरी, भक्त तेरे अज्ञानी है, बसता है तू मन के भीतर, ये…
महादेव हो तुम महाज्ञानी हो तुम, हाथ फैलाये खडे़ है हम, देने वाले दानी हो…
गंगा के आवेग को तूने जटाओं में है संभाला विष भरे नागों की पहने है…
जटाओं मे है तेरी मां गंगा मस्तक तेरा त्रिनेत्र धारी त्रिशूल से करता संघार तो…
तन भी तेरा, मन भी तेरा तेरी ही प्रभु ये काया है, क्या करना है…