सिर पे जो तेरा हाथ हो
निराली फिर तो हर बात हो
तेरे जटाओं की गंगा से
मेरे मन की मैल धुल जाये
हर हर महादेव के नारे से
मेरे दुःख सभी हर जाये ।
रचना: अनुपमा सिन्हा
सिर पे जो तेरा हाथ हो
निराली फिर तो हर बात हो
तेरे जटाओं की गंगा से
मेरे मन की मैल धुल जाये
हर हर महादेव के नारे से
मेरे दुःख सभी हर जाये ।
रचना: अनुपमा सिन्हा