जमीन पर बैठकर खाना केवल हमारी सनातनी संस्कृति ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक है।
बदलते समय और मॉर्डन लाइफस्टाइल के कारण आजकल कुर्सी-टेबल या बिस्तर पर खाना खाने को सभ्य तरीका माना जाने लगा है। अब जमीन पर बैठकर खाने को आउटडेटेड समझा जा रहा है और अब लोग इसमें शर्मिंदगी महसूस करते हैं।
आज Thinkingpad प्लेटफार्म के माध्यम से हम आपको जमीन पर बैठकर खाने के पीछे छिपे वैज्ञानिक तथ्य और इससे होने वाले लाभ बताएँगे। जिससे वैज्ञानिक कारणों को जानते और समझते हुए हम इस छोटी सी आदत को अपना कर हम अपने आप को निरोगी और स्वस्थ बना सकते हैं।
- खाने के लिए जमीन पर बैठना और उठना, एक अच्छा व्यायाम हो जाता है, आमतौर पर आप पालथी मारकर बैठते हैं – सुखासन या आधा पद्मासन का ये आसन भोजन के अच्छी तरह पाचन में मदद करता है, जिससे वसा के कारण वजन अनियंत्रित नहीं हो पाता।
- इस आसान में बैठ कर खाने से शरीर लचीला बनता है। इसके अलावा तनाव भी कम होता है, दिमाग शांत रहता है और पूरा ध्यान खाने पर होता है। ऐसे में आप जरूरत से ज्यादा खाने से भी बचते हैं।
- ऐसे बैठने पर आपकी रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से और कूल्हे की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है, जिससे पुरे शरीर को आराम महसूस होता है। आपकी सांसे थोड़ी धीमी होती हैं, मांसपेशियों का खिंचाव कम हो जाता है और रक्तचाप भी ठीक होता है। चूँकि पाचन क्रिया में रक्त संचार का एक महत्वपूर्ण भूमिका है और पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में हृदय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। तो जब भोजन आसानी से पड़ता है तो हृदय को भी कम मेहनत करनी पड़ती है और हृदय भी स्वस्थ रहता है।
- जमीन पर बैठकर खाने के लिए आपको स्वाभाविक रूप से थाली/प्लेट की ओर झुकना होता है, लगातार आगे झुकने और फिर पीछे होने की प्रक्रिया से पेट की मांसपेशियां निरंतर कार्यरत रहती हैं, जिसकी वजह से पाचन क्रिया में सुधार होता है।
- जमीन पर पद्मासन और सुखासन मुद्रा में बैठना आपके पूरे शरीर को लाभ पहुँचाता है। जमीन पर बैठने के लिए आपको अपने घुटने मोड़ने पड़ते हैं। इससे आपके घुटनों का अच्छा व्यायाम हो जाता है जो जोड़ों को कोमल और लचीले बनाए रखने में भी सहायक है। इससे गठिया व हड्डियों की कमजोरी जैसे रोगों से भी आप बच पाते हैं। लचीलेपन के साथ जोड़ों में चिकनाई आती है, जिससे जमीन पर बैठने में आसानी होती है। साथ ही जो लोग गलत मुद्रा में बैठने के कारण किसी तरह के दर्द से परेशान होते हैं, वो समस्या भी इस आसन में बैठकर खाने से दूर हो जाती है।
- जर्नल यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग पद्मासन में जमीन पर बैठेऔर बिना किसी सहारे के उठने में सक्षम थे, उनके लम्बी आयु की संभावना अधिक थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि उस स्थिति से उठने में सक्षम होने के लिए काफी मात्रा में लचीलापन और शरीर के निचले हिस्से की ताकत लगती है।
- जमीन पर बैठकर खाने के बाकी सभी फायदों के ही एक और बेहद महत्वपूर्ण फायदा और होता है, जो हमारे शारीरिक स्वास्थ्य से नहीं बल्कि हमारे पारिवारिक प्रेम से जुड़ा हुआ है। अपने परिवार के साथ जमीन पर बैठकर जब सभी लोग एक साथ बैठकर हंसी- खुशी खाना खाते हैं तो आपसी प्रेम व सामंजस्य बढ़ता है।
हम उम्मीद करते हैं की Thinkingpad टीम की ये कोशिश आपको जरूर पसंद आयी होगी और आप यथासंभव खुद अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए जमीन पर बैठ कर खाने की आदत को अपनाएंगे, दूसरों को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
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