कोरोना काल

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Being happy, Being positive का formula भी,
कुछ corona vaccine जैसा है,
हर एक दावा करता है की मेरे पास है ।

Corona काल है ये सनम,
जरा सावधानी बनाये रखिये,
Social distancing तो follow करिये,
मगर अपनो से दिल का connection लगाये रखिये।

Social distancing का ये कैसा दौर आया है,
इंसान अब तो अपनो से भी लगता घबराया है,
शहर तो क्या गांवो में भी इसकी छाया है,
कभी जो पूरा गांव घर एक था,
आज मकानों में बंटा नजर आया है,
शहरो का तो हाल न पूछो,
सड़कों पे सन्नाटा छाया है,
नहीं खेल ते गलियों में अब बच्चों ने घर में डेरा लगाया है,
वाह रे social distancing तु ने खूब जाल बिछाया है,

सिलसिला शुरू ये social distancing से हुआ था दोस्तों,
हालत मगर अपनो में दूरियां ला रहे है।
मिलते थे पहले सब साथ video call पे,
अब तो घरवाले भी अलग-अलग कमरों में नजर आ रहे है।

दिन आज का तो बस ये सोचते गुजर गया,
की क्या गुजरती होगी उन बेजुबानो पे,
जिन्हें बेवजह कैद में रखते है हम।

झूम उठी है धरती आज,
पशु पक्षियों ने ये शोर मचाया है,
बंद रहो ऐ इंसानों बहुत जुल्म तुमने ढाया है,
खुली हवा अब हुयी हमारी नहीं तुम्हारा साया है,
कैद हुये तुम दरवाजों में दिल में खौफ समाया है,
सूने है सब धाम प्रभु के,
हाथ उसने भी छुड़ाया है,
बंद रहो ऎ इंसानों बहुत जुल्म तुमने ढाया है।

ऐ लॉकडाउन तुने ये क्या गजब किया,
गुजरा हुया दौर फिर से लौटा दिया।
आ गये दिन फिर से लुडो, कैरम और सांप सीढ़ी के,
रामायण, महाभारत और शक्तिमान ने मनोरंजन सबका किया।
साथ बैठकर खाता है अब पूरा परिवार,
किस्से नये पुराने दोहराता है बार बार।
आने वाले समय में किस्सा तु भी बनेगा एक यादगार,
पर अभी तो तुने किया है ये चमत्कार।
लाया है दिन बचपन के फिर एक बार,
ऐ लॉकडाउन है शुक्रिया तेरा मेरे यार।

लगता है अब तो ऐसे ही मर जायेंगे,
बस खिड़कियों से झांकेगे और बाहर नहीं जायेंगे,
वो घाटों पे घूमना, वो ठण्डी हवाओं में झूमना,
क्या अब कभी वो उगता सूरज देख पाएंगे।😞😞

रचना : अनुपमा सिन्हा

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